UP Board Class 8 Agricultural Chapter 8 Samanay Fasle evam Fasal chaker

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अभ्यास के प्रश्न-

1. सही विकल्प के सामने () का चिन्ह लगाइये-

1) गन्ने की फसल के लिए उपयुक्त भूमि है।

क) दोमट  (✓)

ख) हल्की दोमट

ग) बलुई दोमट

घ) उपर्युक्त सभी

2) गन्ने की अच्छी पैदावार हेतु कितनी नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है?

क) 150 किग्रा प्रति हेक्टेयर   (✓)

ख) 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर

ग) 50 किग्रा प्रति हेक्टेयर

घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

3) निम्न में से कौन सी प्रजाति सूरजमुखी की उन्नत किस्म है?

क) के 617

ख) वरदान

ग) सूर्या  (✓)

घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

4) फसलों की पैदावार बढ़ाने का निम्नलिखित में से कौन सा साधन हैं?

क) लगातार एक हो फसल का बोना

ख) फसल चक्र अपनाना  (✓)

ग) अधिक पानी की व्यवस्था करना

घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।

2) निम्नलिखित प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) सूरजमुखी का तेल हृदय रोगियों के लिए उत्तम माना जाता है।

(ख) गन्ने का बीज 50-60 कुन्तल प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता हैं।

(ग) सूरजमुखी की बुवाई…….. माह में होती है।

(घ) गन्ने की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किग्रा नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है।

(ङ) बरसीम कल्चर में राइजोबियम नामक जीवाणु पाये जाते हैं।

(च) बरसीम का बीज बुवाई के लिए 25-30 किग्रा प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।

3) सही कथन पर () का चिन्ह तथा गलत कथन पर (x) का चिन्ह लगाइये-

क) बरसीम की फसल में 120 किग्रा नाइट्रोजन प्रयोग की जाती है। (सही /गलत)

ख) बरसीम का बीज 10-20 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। (सही /गलत)

ग) जे. एच. वी. 146 बरसीम की उन्नत किस्म है। (सही /गलत)

घ) गन्ने की खेती ऊसर भूमि में की जाती है। (सही /गलत)

4) गन्ने की अगेती उन्नतशील प्रजातियों के तीन नाम बताइये।

उत्तर-

बी0ओ 47, को 687, को 395

5) सूरजमुखी से कितनी उपज प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है?

उत्तर

उन्नत ढंग से खेती करने से संकुल प्रजातियों की उपज 12-15 कु./ हेक्टेयर तथा संकर प्रजातियों की उपज 20-25 कु./ हेक्टेयर प्राप्त की जा सकती है।

6) गन्ने की कितनी मात्रा एक हेक्टेयर बुवाई हेतु प्रयोग की जाती हैं?

उत्तर

गन्ने के बीज की मात्रा गन्ने की मोटाई पर निर्भर करती है। औसत मोटाई के गन्ने का 50-60 कुन्तल बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है।

7) बरसीम की खेती हेतु एक हेक्टेयर में कितना बीज प्रयोग किया जाता है?

उत्तर

बरसीम की खेती हेतु एक हेक्टेयर में 25-30 किग्रा बीज प्रयोग किया जाता है।

8) बरसीम के बीज शोधन हेतु राइजोबियम कल्चर की मात्रा बताइये?

उत्तर

150 ग्राम गुड़ को 1 लीटर पानी में घोलकर गर्म करके ठण्डा किया जाता है। इसमें 600 ग्राम कल्चर मिलाकर 15 किग्रा बीज में मिलाया जाता है।

9) फसल चक्र किसे कहते हैं?

उत्तर

फसल चक्र-

किसी निश्चित भूमि पर एक निश्चित अवधि तक फसलें अदल-बदल कर बोना, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे, और अधिक पैदावार हो फसल चक्र कहलाता है।

10) एक वर्षीय फसल चक्र का उदाहरण दीजिए।

उत्तर

1)   धान – गेहूँ                 1 वर्ष

2)   मक्का – आलू – प्याज 1 वर्ष

3)   ज्वार – बरसीम          1 वर्ष

11) फसल चक्र का एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइये।

उत्तर

फसल चक्र के सिद्धान्त-

  1. अधिक पानी चाहने वाली फसलों के बाद कम पानी चाहने वाली फसलें बोनी चाहिए जैसे धान के बाद मटर या चना।
  2. मूसला जड़ वाली फसलों के बाद झकड़ा जड़ वाली फसलें बोनी चाहिए जैसे अलसी के बाद मक्का, कपास के बाद गेहूँ।
  3. दलहन वाली फसलों के बाद बिना दलहन वाली फसलें बोनी चाहिए जैसे अरहर (अगेती जाति) के बाद गेहूँ।
  4. अधिक जुताई के बाद कम जुताई वाली फसलें बोनी चाहिए।
  5. एक ही कुल के पौधों को लगातार नहीं उगाना चाहिए।

12) बरसीम में सिंचाई के प्रबन्ध का वर्णन कीजिए।

उत्तर

बरसीम में सिंचाई-

बरसीम के लिए सिंचाई की सुविधा होना नितान्त आवश्यक है। जहाँ पर सिंचाई की सुविधा न हो वहाँ बरसीम की खेती नहीं करनी चाहिए। बरसीम को 10-12 सिंचाईयों की आवश्यकता होती है लेकिन यह सिंचाई की संख्या भूमि की किस्म पर निर्भर करती है। बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। दिसम्बर, जनवरी में एक-एक बार और फरवरी, मार्च में 15 दिन के अन्तर पर सिंचाई की जाती है।

13) फसल चक्र से होने वाले लाभों का वर्णन करिए।

उत्तर

  1. फसल चक्र से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है।
  2. खरपतवारों का नाश होता है।
  3. भूमि की भौतिक दशा में सुधार होता है।

14) सूरजमुखी की फसल में कीट एवं रोग नियंत्रण के बारे में वर्णन करिए।

उत्तर

कीट नियन्त्रण-

सूरजमुखी में कभी-कभी दीमक, हरे फुदके और चना के फली बेधक का प्रकोप होता है। दीमक के नियन्त्रण के लिए क्लोरपायरीफास दवा बोने के समय खेत में मिला देना चाहिए। हरे फुदके के नियन्त्रण के लिए एजाडिरेक्टिन 0.15 ई.सी की 1 लीटर मात्रा 600-800 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए। चना के फली बेधक की रोकथाम के लिए क्विनालफास 25 ई.सी. की 2 ली. मात्रा को 800-1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

रोग नियन्त्रण-

खरीफ ऋतु वाली फसल में फफूदजनित अंगमारी का प्रकोप अधिक होता है। डाइथेन एम-45 की 2.5 किग्रा मात्रा को 800-1000 लीटर पानी में घोल बनाकर 10-15 दिनों के अन्तर पर दो या तीन बार छिड़काव करना चाहिए।

15) गन्ने की उन्नतशील प्रजातियों एवं बुवाई की विधि का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

गन्ने की उन्नतशील प्रजातियां-

बी.ओ 47, को 395, को 510, को 64 इत्यादि।

गन्ने की बुवाई की विधि-

1) सिर से सिरे को मिलाकर

2) अँखुए से अँखुए को मिलाकर

प्राय: सिर से सिरे को मिलाकर ही गन्ना बोते हैं क्योंकि इस विधि से बीज और श्रम दोनों की बचत होती हैं। आगे-आगे हल से खेत जोतते जाते हैं और पीछे-पीछे कूड़ में गन्ने के टुकड़े बोते जाते हैं। बाद में पाटा लगाकर खेत में निकले टुकड़ों को ढक दिया जाता है। कूड़ों की गहराई 20-25 सेमी और कूड़ की कूड़ से दूरी 30-40 सेमी तक रखी जाती हैं। गन्ने के टुकड़े को इस प्रकार काटना चाहिए कि उसमें लगभग तीन आंखें अवश्य हों।

 

 

 

 

 

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