इकाई-4 पशुपालन

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अभ्यास के प्रश्न

1) सही विकल्प के सामने () का चिन्ह लगाइये।

i) गरीब की गाय कहलाती हैं-

क) गाय

ख) भैंस

ग) भेड़

घ) बकरी  ()

ii) संदूषित दूध से फैलने वाली बीमारी है-

क) एड्स

ख) कैंसर

ग) टी0.वी0. ()

घ)  पोलियो

iii) गाय की नस्ल नहीं है-

क) गंगातीरी

ख)  मिनोरका  ()

ग) नागौरी

घ)  भदावरी  ()

iv) सिन्धी गाय है-

क) दुधारू गाय की नस्ल ()

ख) दुकाजी गाय की नस्ल

ग) भारवाही गाय की नस्ल

घ)  भैंस की नस्ल

v) स्वच्छ दूध में होना चाहिए–

क) न्यूनतम जीवाणु  ()

ख) अवांछनीय गन्ध

ग) अधिक वसा

घ)  कम पानी

vi) सबसे मीठा दूध होता है

क) गाय का दूध

ख) भैंस का दूध

ग) बकरी का दूध

घ)  माँ का दूध  ()

2) निम्नालिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

क) पुआल और भूसा अदलहनी सूखा चारा हैं।

ख) वरण प्रजनन की आधार शिला हैं।

ग) केचुए को प्रकृति का हलवाहा कहते है।

घ) मुँहपका खुरपका बीमारी विषाणु से फैलती है।

ङ) जोंक एक वाह्य परजीवी जन्तु है।

च) दूध में मिठास दुग्ध शर्करा के कारण होती हैं।

छ) अमृतमहल भारवाही गाय की नस्ल हैं।

ज) दूध एक पूर्ण आहार है।

3) निम्नलिखित कथनों में सही पर () तथा गलत पर (×) का निशान लगाइये ।

क) गाय के दूध का पीला रंग कैरोटीन के कारण होता है  ()

ख) वरण का तात्पर्य अनिच्छित पशुओं को अलग करना हैं।  (×)

ग) भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से एक वर्ष में एक ही गाय के 10-12 बच्चे प्राप्त किये जा सकते है।   ()

घ) मक्का दलहनी चारा हैं। (×)

ङ) पूर्ण हस्त दोहन, दूध दोहन की सर्वोत्तम विधि है।  ()

च) पशु के थूथन व मुँह का नम रहना उसके बीमार रहने का लक्षण है। (×)

छ) देश में कुल दुग्ध उत्पादन का 55% हिस्सा गाय से प्राप्त होता है।  (×)

4) दूध क्यों फटता हैं?

उत्तर

जब जीवाणु किसी प्रकार दूध में पहुँच जाते हैं तो वे बड़ी तेजी से बढ़ते हैं। इन्हीं जीवाणुओं की वृद्धि के कारण दूध में अम्लता बढ़ जाती हैं तथा दूध फट जाता हैं।

5) यदि आपकी भैंस प्रतिदिन 10 लीटर दूध देती है। तो उसे आप जीवन निर्वाह एवं दुग्ध उत्पादन हेतु कुल कितने किग्रा दाना प्रतिदिन खिलायेंगे?

उत्तर-

जीवन निर्वाह हेतु दाना  – 2 किग्रा

दुग्ध उत्पादन हेतु      – 4 किग्रा0

कुल मात्रा – 6 किग्रा0 दाना प्रतिदिन देना चाहिए।

6) आपकी गाय अफ़रा रोग से ग्रसित है, तो आप क्या करेंगे?

उत्तर

यदि गाय अफ़रा रोग से ग्रसित है तो निम्न उपचार करेंगे-

उपचार-

  • एक दो दिन के लिए बरसीम अथवा हरा चारा नही खिलायेंगे।
  • एक लीटर तीसी के तेल में 50 ग्राम हर्र व 100 ग्राम काला नमक मिलाकर दो खुराक बनायेंगे और प्रत्येक खुराक छ: घंटे के अन्तर पर पिलायेंगे।
  • बीमार पशु की चिकित्सा हेतु पशु चिकित्सक की सहायता लेंगे।

7) यदि बछड़े के मल (गोबर) में गोल कृमि (पेट का केचुआ) है। तो इससे बचने हेतु क्या उपाय करेंगे?

उत्तर

बच्चे (बछड़ा, बछिया) में प्रथम बार कृमिहर दवाओं का प्रयोग 25 दिन की आयु में करेंगे। प्रचलित कृमिहर दवाओं में पिपराजीन, नीलवार्म फोर्ट, टोलजान आदि दवायें प्रमुख हैं जिसे पशु चिकित्सक के परामर्श से देंगे।

8) किन्हीं दो नस्लों के गाय के चित्र बनाइए और उनमें दो अन्तर बताइये।

उत्तर

Shawal Cow

9) स्तम्भ `क’ एवं स्तम्भ `ख’ में दिए गये तथ्यों का सहीसही मिलान कीजिए-

उत्तर

स्तम्भ `क’ स्तम्भ `ख’
मुँहपका-खुरपका विषाणु
जुकाम या बुखार ठण्ड लगना
अफ़रा पेट में गैस हो जाना
पेचिस (खूनी दस्त)  सड़ा-गला दूषित चारा या पानी

 

10) पशुधन विकास के मूलभूत तत्व लिखिए।

उत्तर-

पशुधन विकास के मूलभूत तत्व-

नस्ल, पोषण, पशु-प्रबन्धन, पशुओं की सामान्य बीमारियाँ आदि।

11) आहार किसे कहते हैं? आहार कितने प्रकार का होता हैं। उत्पादन आहार के बारे में लिखिए।

उत्तर

आहार-

पशुओं को 24 (दिन व रात) घंटे के अन्तर्गत दिये जाने वाला दाना, चारा व पानी की कुल मात्रा को पशु आहार (राशन) कहते हैं।

आहार के प्रकार-

आहार निम्न प्रकार के होते हैं-

जीवन निर्वाह आहार,

उत्पादन आहार,

कार्य आधारित आहार आदि।

उत्पादन आहार-

पशुओं को वृद्धि और उत्पादन के उद्देश्य से जीवन निर्वाह आहार के अतिरिक्त जो खिलाते हैं उसे उत्पादन आहार कहते हैं।

12) स्वच्छ दूध किसे कहते है? दूध में संदूषण के स्रोतों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर

स्वच्छ दूध-

स्वच्छ दूध का तात्पर्य (मतलब) उस दूध से हैं, जो स्वस्थ पशु से स्वस्थ वातावरण में प्राप्त हो तथा जिसमें जीवाणुओं की संख्या न्यूनतम हो।

दूध में संदूषण के स्रोत-

दूध में संदूषण के स्रोत

13) बीमार पशु के लक्षण लिखिए तथा किसी एक बीमारी का वर्णन कीजिए।

उत्तर

बीमार पशु के लक्षण-

  • बीमार होने पर पशु का मुँह और थूथन सूखे रहते हैं। जबकि स्वस्थ पशु का मुँह और थूथन नम रहता है।
  • बीमार पशु चारा खाना धीरे-धीरे बन्द कर देता है। बीमार पशु के कान ढीले होकर लटक जाते है।
  • बीमारी के समय पशु का गोबर अत्यधिक कड़ा या पतला हो जाता हैं।

पशुओं में होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियाँ-

मुंहपका- खुरपका, अफरा, पेचिश (खूनी दस्त) आदि।

मुँहपका-खुरपका-

इस बीमारी में पशु के मुँह और खुर पक जाते हैं। यह बीमारी एक विषाणु के कारण फैलती हैं। मुँह पक जाने के कारण पशु चारा-दाना नहीं खा पाता है। जिससे वह अत्यन्त कमजोर हो जाता है।

 

 

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