UP Board Class 7 Agricultural Science Chapter 5 Samanya Fasle

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अभ्यास

1.सही उत्तर पर सही () का निशान लगाइए

(i) ज्वार की खेती किस भूमि पर करते हैं?

(क)बलुई-दोमट()

(ख) दोमट

(ग) काली कपास मिट्टी

(घ) उपरोक्त में कोई नहीं

(ii) ज्वार में नाइट्रोजन उर्वरक प्रयोग किया जाता है-

(क) 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर()

(ख) 150 किग्रा प्रति हेक्टेयर

(ग) 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर

(घ) इसमें से कोई नहीं

(iii) ज्वार की फसल में पोटाश प्रयोग करते हैं-

(क) 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर

(ख)40 किग्रा प्रति हेक्टेयर()

(ग) 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर

(घ) उपरोक्त में कोई नहीं

(iv) बाजरे की संकुल प्रजाति है-

(क) आई सी एम बी 155

(ख) डब्लू सी सी 75

(ग) बी के 560

(घ) उपरोक्त में सभी

(v) बाजरे की संकर प्रजाति है-

(क) पूसा 322

(ख)पूसा 23

(ग) आई सी एम एच 451

(घ) उपरोक्त में सभी(✓)

2.रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i)बाजरा बी के 56080-90दिन की फसल है।

(ii) दीमक के नियन्त्रण हेतु फोरेट-10 जीकीटनाशक प्रयोग करते है।

(iii)बाजरे की संकर प्रजाति से 23-25कुंतल उपज प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है।

(iv)पूसा प्रालिफिक लांग लम्बे फल वालेप्रजाति है।

(v) दाने के लिए ज्वार का बीज 12-15किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है।

(vi)बैंगन की बुवाई हेतु आधाकिलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है।

(vii) लौकी के बीज का मेटलएक्सिल से उपचार किया जाता है।

(viii) बैग़न की खेती के लिए 100 किग्रा नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर प्रयोग की जाती है।

3.निम्नलिखित कथनों में सही पर () तथा गलत पर (×) का निशान लगाइए-

(i) ज्वार की फसल दाने व चारे दोनों के लिए बोयी जाती है। ()

(ii)चारे के लिए ज्वार का बीज 50 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। ()

(iii) दाने के लिए ज्वार का बीज 12 से 15 किग्रा प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जाता है। ()

(iv)दानों के लिए ज्वार की फसल 115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। ()

(v)बाजरे की खेती के लिए दोमट भूमि उपयुक्त है। (×)

(vi) बाजरे की बुआई से पहले बीज को थीरम से उपचारित करते हैं। (×)

(vii)आलू का प्रमुख रोग पिछेती झुलसा है। ()

(viii) राधे चना की प्रजाति है। ()

(ix)रचना मटर की प्रजाति है ()

(x) फलीबेधक चने का प्रमुख कीट नहीं है। (×)

(xi) हरा तेला बैग़न का कीट है। ()

(xii)चने के बीज का उपचार थीरम नामक रसायन से करते हैं? ()

(xiii) बैंगन के बीज की मात्रा 400-500 ग्राम प्रति हे. लगती है। ()

4.निम्नलिखितमें स्तम्भ क को स्तम्भ ख से मिलाइये-

उत्तर-

स्तम्भ (क) स्तम्भ (ख)
ज्वार मऊरानीपुर
बाजरा बीके 560
मटर अर्पणा
खुटाई चना
फलबेधक बैग़न
आलू कन्द
लौकी पूसा मेघदूत
मटर हरी फली की डिब्बा बंदी

 

5.(i) आलू की पैदावार प्रति हेक्टेयर कितनी होती है?

उत्तर-

मैदानी क्षेत्रों में आलू 325-400 कुन्तल प्रति हेक्टेयर और पहाड़ी क्षेत्रों में 200-250 कुन्तल प्रति हेक्टेयर पैदा होता है।

(ii) आलू का बीज प्रति हेक्टेयर कितना प्रयोग किया जाता है?

उत्तर-

2.5 सेमी व्यास या 50 ग्राम वजन के बीज की मात्रा 20-25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होती है।

(iii) बाजरे का उत्पादन प्रति हेक्टेयर कितना होता है?

उत्तर-

बाजरे का उत्पादन25-30 कुंतल प्रति हेक्टेयर होता है।

(iv) बाजरे की फसल लगभग कितने दिनों में पककर तैयार हो जाती है?

उत्तर-

बाजरे की फसल लगभग70-90दिनोंमेंपककर तैयार हो जाती है।

(v) बाजरे की फसल में दीमक का नियन्त्रण किस कीटनाशक से करते हैं?

उत्तर-

फोरेट-10 जी

(vi) बाजरे की फसल में कण्डुआ रोग के नियन्त्रण हेतु कौन फफूँदी नाशक प्रयोग करते हैं?

उत्तर-

कार्बेन्डाजिम अथवा कार्बाक्सीन

(vii) ज्वार की फसल में उर्वरक कितनी मात्रा में प्रयोग करते हैं?

उत्तर-

नाइट्रोजन- 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर

फॉस्फोरस- 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर

पोटाश- 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर

(viii) ज्वार की संकर प्रजातियों के नाम बताइए।

उत्तर-

संकर ज्वार, स्वर्ण, सीएसवी-3 आदि।

(ix) ज्वार की बुवाई का उपयुक्त समय क्या है?

उत्तर-

ज्वार की बुवाई के लिएजुलाई का दूसरा सप्ताह उपयुक्त होताहै।

(x) ज्वार के बीज को जमीन में कितनी गहराई पर बोते हैं?

उत्तर-

ज्वार के बीज को जमीन में 4-5 सेमी की गहराई पर बोते हैं।

(xi) बैग़न की दो संकर प्रजातियों के नाम बताइये।

उत्तर-

पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-6

(xii) बाजरे के लिए बीज प्रति हेक्टेयर कितने किलोग्राम प्रयोग किया जाता है?

उत्तर-

बाजरा की बुवाई हेतु4 से 5 किग्रा प्रति हेक्टेयर बीज प्रयोग किया जाता है।

(xiii) गोल लौकी की दो प्रजाति लिखिए।

उत्तर-

पूसा मंजरी, पूसा सन्देश

6.ज्वार की फसल में खाद तथा उर्वरकों की मात्रा देने का समय एवं विधि का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

सामान्यतः चारे के लिए गोबर की खाद 150-200 कुंतल प्रति हेक्टेयर और दाने के लिए 100-150 कुंतल प्रति हेक्टेयर वर्षा होने के पहले खेत में मिला देना चाहिए। खाद के अभाव में उर्वरकों का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से करते हैं-

नाइट्रोजन – 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर

फॉस्फोरस – 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर

पोटाश -40 किग्रा प्रति हेक्टेयर

नाइट्रोजन की आधी मात्राबुवाई के समय व आधी मात्रा बुवाई के 40-50 दिन बाद खड़ी फसल में देना चाहिए। फॉस्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय ही दे देना चाहिए।

7.ज्वार की फसल में लगने वाले कीट एवं रोग का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

ज्वार की फसल में लगने वाले कीट एवं रोग-

ज्वार की फसल को कीड़ों से बड़ी हानि होती है। अंकुरण के ठीक 4-5 दिन बाद एक लीटर मेटासिस्टाक्स 25 ईसीको 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर के हिसाबसेछिड़काव करने से प्ररोह मक्खी और तना बेधक कीट नष्ट हो जाते हैं। अनावृत कंडुवा ज्वार का प्रमुख रोग है। इसके नियन्त्रण के लिए कार्बेन्डाजिम अथवा कार्बाक्सीन के 2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से शोधित कर बोना चाहिए।

8.ज्वार की संकर प्रजातियाँ कौन-कौन हैं? उनके बोने का समय, विधि एवं औसत उपज बताइए।

उत्तर-

ज्वार की संकर प्रजातियां

सी एस एच 1,2,3

स्वर्ण

सी एस वी-3

संकर ज्वार

बुवाई का समय-

बुवाई के लिए जुलाई का दूसरा सप्ताह उपयुक्त होता है। चारे की फसल की बुवाई पलेवा करके जून के आरंभ में कर दी जाती है।

बोने की विधि-

दाने के लिए बुवाई कतारों में की जाती है। कतार से कतार की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधेकीदूरी 15-20 सेमी होनी चाहिए। बीज की गहराई 4-5 सेमी होनी चाहिए।

औसतउपज-

दाने की उपज- 30-40 कुंतल प्रति हेक्टेयर

सूखे चारे कीउपज- 100-110 कुंतल प्रति हेक्टेयर

9.बाजरे की फसल में निराई-गुड़ाई, खरपतवार तथा कीट नियन्त्रण के बारे में लिखिए।

उत्तर-

बाजरे की फसल में निराई-गुड़ाई-

दाने के लिए बोई गई फसल में कम से कम दो तीन बार निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती है। कानपुरी कल्टीवेटर चलाकर गुड़ाई की जा सकती है।

खरपतवारनियंत्रण

खरपतवार नष्ट करने के लिए एट्राजीन की 1 किग्रा मात्रा 700-800 लीटर पानी में घोलकर बोने के तुरंत बाद प्रति हेक्टेयर छिड़काव करदेना चाहिए।

कीट नियन्त्रण-

दीमक से बचाने के लिए फोरेट-10 जीकी 25 किग्रा मात्रा बीज बोते समय कूड़ में प्रयोग करते हैं।तना मक्खी से रोकथाम के लिए 15 किलोग्राम थिमेंट प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई से पूर्व खेत में मिला देना चाहिए।

10.आलू के बोने का समय तथा बीज की मात्रा का विवरण दीजिए।

उत्तर-

आलू के बोने का समय तथा बीज की मात्रा

पहाड़ों पर सामान्यतः आलू की फसल गर्मी प्रारम्भ होने पर बोयी जाती है। मार्च से प्रारम्भ होकर मई तक चलती है। मैदानी क्षेत्रों में आलू की फसल 25 सितम्बर से 15 नवम्बर तक बोयी जाती है।

बीज की मात्रा पंक्तियों की दूरी तथा बीज के आकार पर निर्भर करती है। 2.5 सेमी व्यास या 50 ग्राम वजन के बीज की मात्रा 20-25 कुन्तल प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होती है।

11.बाजरे की संकर प्रजातियों एवं उनके पकने का समय तथा उपज बताइए।

उत्तर-

बाजरे की संकर प्रजातियॉं एवं उनके पकने का समय तथा उपज-

संकर प्रजातियॉं पकने कीअवधि दाने की औसत उपज (कुप्रति हेक्टेयर) सूखे चारे की उपज (कु प्रति हेक्टेयर)
पूसा 322 75- 80दिन 24-25कु 50-55कु
पूसा23 75-80 दिन 22-23कु 50-55कु
आईसी एमएच 451 85-90 दिन 22-23कु 50-60कु

 

 

 

 

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