पाठ- 8 पारिस्थितिकी तन्त्र

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अभ्यास

प्रश्न-1 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं? इसकी क्या उपयोगिता है?

उत्तर

पारिस्थितिकी तंत्र

सजीव तथा निर्जीव घटक मिलकर एक तन्त्र बनाते हैं जिसे ’पारिस्थितिकी तन्त्र’ (इकोसिस्टम) कहते हैं। प्रकृति में सबका अस्तित्व बना रहे इसके लिए पारिस्थितिकी तंत्र आवश्यक है।

(ख) पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना किन-किन घटकों से मिलकर होती है?

उत्तर

पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना दो घटकों से मिलकर बनती है- सजीव घटक तथा निर्जीव घटक।

(ग) आहार जाल किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर-

आहार जाल (Food Web)

प्रत्येक पारिस्थितिकी तंत्र में अनेक “आहार श्रृंखलाएँ” होती हैं। ये कई स्थानों पर एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं। आहार श्रृखलाओं के कई स्थानों पर जुड़े होने के कारण पोषण सम्बन्ध एक रेखा में न होकर जाल की तरह उलझ जाते हैं। इसे आहार जाल कहते है।

उदाहरण-

Aahar Jal

घास के पारिस्थितिक तंत्र में आहार जाल के पांच वैकल्पिक जाल हो सकते हैं।

घास – टिड्डा – बाज

घास – खरगोश – बाज

घास – चूहा – बाज

घास – चूहा – सांप – बाज

घास – टिडडा – छिपकली – बाज

(घ) अनुकूलन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर

अनुकूलन-

किसी विशेष वातावरण में सुगमतापूर्वक जीवन व्यतीत करने तथा वंश वृद्धि के लिए जीवों के शरीर में रचनात्मक और क्रियात्मक स्थायी परिवर्तन उत्पन्न होने की प्रक्रिया अनुकूलन कहलाती है।

मरुस्थलीय पौधों में अनुकूलन-

मरुस्थलीय क्षेत्र के पौधे अपने वातावरण में अनुकूलित रहने के लिए वाष्पोत्सर्जन द्वारा पानी की कमी को रोकने के लिए काँटों के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। जड़ें पानी की तलाश में गहराई तक चली जाती हैं तथा तना चपटा, मांसल व गूदेदार हो जाता है।

(ड.) प्रवासी पक्षी किसे कहते हैं?

उत्तर

मौसम से अनुकूलन बनाए रखने के लिए पक्षी हिमालय के बर्फीले क्षेत्रों, साइबेरिया, ऑस्ट्रेलिया से हजारों किलोमीटर की यात्रा करके हमारे देश में आते हैं। इन पक्षियों को प्रवासी पक्षी कहते हैं।

प्रश्न-2 सही कथन के सामने (✓) तथा गलत कथन के सामने (×) का चिह्न लगाइए-

(क) सजीव और निर्जीव घटक एक दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।   (×)

(ख) सभी प्राणी, पेड़-पौधे, जलवायु और पर्यावरण मिलकर पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं।    (✓)

(ग) प्रथम चरण उपभोक्ता शेर, चीता, भेड़िया आदि हैं।   (×)

(घ) मृत जीवधारियों से भोजन प्राप्त करने वाले जीव “मृतोपजीवी” कहलाते हैं।    (✓)

(ङ) हमें पारिस्थितिकी सन्तुलन को बनाए रखना चाहिए।   (✓)

(च) हमारी पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल है।  (✓)

(छ) मनुष्य पर्यावरण का अंग नहीं है।   (×)

प्रश्न-3 रिक्त स्थानों को पूर्ति कीजिए-

(क) जल, वायु, पोषक तत्व, सौर-ऊर्जा आदि निर्जीव घटक कहलाते हैं।

(ख) भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहने वाले जीव परपोषी कहलाते हैं

(ग) उत्पादक व उपभोक्ता के बीच प्रत्येक भोजन स्तर को पोषण स्तर  कहते हैं।

(घ) आहार-श्रृंखला के एक सिरे पर उत्पादक तथा दूसरे सिरे पर सर्वोच्च उपभोक्ता होता है।

(ङ) प्रकृति में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य है।

(च) प्रकृति जल, स्थल, वायु, पेड़-पौधों एवं जीव जंतुओं से मिलकर बनी है।

(छ) पृथ्वी के जल वाले भाग को जल मण्डल कहते हैं।

(ज) जैविक एवं अजैविक घटक एक दूसरे से परस्पर सम्बन्धित हैं।

प्रश्न-4 सही विकल्प चुनें-

(क) किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे आवश्यक है-

  • निरन्तर ऊर्जा प्रवाह होना।
  • जल प्रवाह होना।
  • वायु प्रवाह होना।
  • पर्वत।

उत्तर- विकल्प-    निरन्तर ऊर्जा प्रवाह होना।

(ख) सूर्य से प्राप्त होने वाली अधिकांश ऊर्जा पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही नष्ट हो रही है- 

  • मरुस्थलों के कारण।
  • समुद्रों के कारण।
  • पर्वतों के कारण।
  • अत्यधिक प्रदूषण के कारण।

उत्तर- विकल्प- अत्यधिक प्रदूषण के कारण।

(ग) आहार-जाल में-

  • आहार-श्रृंखलाएँ एक सीध में चलती हैं।
  • आहार-श्रृंखलाएँ नहीं होती हैं।
  • कई आहार-श्रृंखलाएँ आपस में उलझ जाती हैं।
  • ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है।

उत्तर- विकल्प- कई आहार-श्रृंखलाएँ आपस में उलझ जाती हैं।

(घ) पृथ्वी पर किसी निर्जीव घटक के सन्तुलित मात्रा से कम या ज्यादा होने पर–

  • पारिस्थितिकी तंत्र बनता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होता है।
  • मानव सुखी जीवन व्यतीत करता है।
  • उपरोक्त में से कोई नहीं।

उत्तर- विकल्प- पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित होता है।

प्रश्न 5 आपने आस-पास देखे और लिखिए–(अ) पौधों को उचित मात्रा में धूप न मिलने से क्या होगा?

उत्तर

पौधे सूख जाएँगे।

(ब) अपने आस-पास के जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों को देखकर एक खाद्य श्रृंखला का रेखांकित चित्र बनाइए।

 

खाद्य श्रृंखला

(स) पशुओं के मृत शरीर को कौन-कौन से जीव खाते हैं?

उत्तर-

कौआ, गिद्ध, बाज, चील आदि।

 

 

 

 

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