अभ्यास के प्रश्न
1. सही उत्तर पर सही (✓) का निशान लगायें-
मिट्टी है–
क) पृथ्वी की ऊपरी सतह (✓)
ख) कच्चे मकान का फर्श
ग) नदी का निचला भाग
घ) कुएँ का फर्श
ii) फसलें खड़ी रहती है–
क) हवा में
ख) पानी में
ग) पत्थर पर
घ) मिट्टी में (✓)
iii) मृदा माध्यम है-
क) मनुष्यों के रहने का
ख) पशुओं के ठहरने का
ग) पौधों के उगने का (✓)
घ) यंत्रों के बनने का
iv) चट्टानों एवं खनिजों के टूटने से बनती है–
क) बालू (✓)
ख) सिल्ट
ग) मृत्तिका
घ) कार्बनिक पदार्थ
v) नालों की निचली सतह में जमा होता है-
क) चट्टानें
ख) बालू
ग) सिल्ट (✓)
घ) मृत्तिका
vi) बालू का आकार होता है–
क) 4.0 -3.00 मिमी
ख) 3.0 – 2.0 मिमी
ग) 2.0 – 1.0 मिमी
घ) उपर्युक्त में से कोई नही (✓)
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
क) पृथ्वी के ऊपरी सतह को मृदा कहते है। (जल, मृदा)
ख) आदि मानव ने मृदा की जानकारी भोजन के अभाव में की। (मिठाई, भोजन)
ग) मृदा में मुख्य रूप से चार घटक पाये जाते है। (तीन, चार)
घ) बलुई मृदा में बालू अधिक मात्रा में होती है। (सिल्ट, बालू)
ङ) काली मृदा में मृत्तिका की मात्रा अधिक होती है। (मृत्तिका, बालू)
च) कृषि के आधार पर मृदा को चार वर्गो में बांटते है। (दो, चार)
3. निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) और गलत के सामने गलत (×) का निशान लगायें –
क) पशु अपना भोजन प्राय: पेड़-पौधों से लेता है। (✓)
ख) दोमट मृदा कृषि के लिए सर्वोत्तम नहीं होती है। (×)
ग) चिकनी मृदा के सूखने पर दरारें नहीं पड़ती है। (×)
घ) रेतीली मृदा अधिक उपजाऊ होती है। (×)
ङ) ऊबड़-खाबड़ मृदा कृषि के अयोग्य होती है। (✓)
4. निम्नलिखित में स्तम्भ `क’ को स्तम्भ `ख’ से सुमेल कीजिए–
उत्तर–
स्तम्भ `क’ | स्तम्भ `ख’ |
मृदा घटक | खनिज पदार्थ |
कणों के आधार पर मृदा वर्गीकरण | बलुई दोमट |
कृषि के आधार पर मृदा वर्गीकरण | अधिक उपजाऊ |
पेड़-पौधे अपना भोजन लेते है। | मृदा से |
मृत्तिका कण | 0.002 मिमी |
गाद | सिल्ट |
5-क) मृदा की परिभाषा लिखिए।
उत्तर–
पृथ्वी के सबसे ऊपरी भाग को जिस पर हम सभी लोग रहते है, मिट्टी, भूमि, माटी, जमीन या मृदा कहते है।
ख) मृदा में पाये जाने वाले घटक एवं उनकी प्रतिशत मात्रा लिखिए।
उत्तर–
मृदा में पाये जाने वाले घटक तथा उनकी प्रतिशत मात्रा-
मृदा में मुख्य रूप से चार घटक विभिन्न मात्रा में पाए जाते हैं-
- मृदा खनिज- 45 %
- जैविक पदार्थ- 5 %
- मृदा जल- 25 %
- मृदा वायु- 25 %
ग) मृदा कणों का आकार तालिका में लिखिए।
उत्तर–
मोटी बालू | 2.0 – 0.2 |
महीन बालू | 0.2 – 0.02 |
सिल्ट | 0.02 – 0.002 |
मृत्तिका या क्ले | 0.002 – कम |
घ) चिकनी मृदा के प्रमुख गुण लिखिए।
उत्तर–
इसमें मृत्तिका की मात्रा अधिक होती है। इसके कण बहुत बारीक होते है। इस मृदा के सूखने पर दरारें पड़ जाती है। यह मृदा अधिक उपजाऊ होती लेकिन कठोर होने के कारण इसमें सभी फसलें नहीं उगायी जा सकती है।
ङ) उत्तर प्रदेश की प्रमुख मृदाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
उत्तर प्रदेश की प्रमुख मृदाओं के नाम-
खादर या कछारीय या नवीन जलोढ़ मृदा, बांगर मृदा आदि।
6. (क) मृदा घटक का वर्णन चित्र सहित कीजिए।
उत्तर-
मृदा में मुख्य रूप से चार घटक विभिन्न मात्रा में पाए जाते हैं-
- मृदा खनिज- 45 %
- जैविक पदार्थ- 5 %
- मृदा जल- 25 %
- मृदा वायु- 25 %
ख) कणों के आधार पर मृदा का वर्गीकरण कीजिए।
कणों के आधार पर मृदा का वर्गीकरण-
- बलुई
- बलुई-दोमट
- दोमट
- सिल्टी
- चिकनी मिट्टी (मृत्तिका)
ग) मुख्य कणाकार गठन के आधार पर मृदा का वर्गीकरण कीजिए एवं उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर–
मुख्य कणाकार गठन के आधार पर मृदा का वर्गीकरण-
- बलुई
- बलुई-दोमट
- दोमट
- सिल्टी
- चिकनी मिट्टी (मृत्तिका)
बलुई–
इस मिट्टी में बालू की अधिकता होती है।
बलुई-दोमट–
बलुई दोमट मृदा में बालू की मात्रा 50-80%, सिल्ट 0–50% सिल्ट तथा मृत्तिका 0-20% होती है।
दोमट मिट्टी-
दोमट मिट्टी कृषि के लिए सर्वोत्तम होती है। इसमें सिल्ट व बालू की मात्रा 30–50% तथा मृत्तिका की मात्रा 0–20% होती है।
सिल्ट मिट्टी-
इसमें बालू की मात्रा बहुत कम होती है और सिल्ट की मात्रा सबसे अधिक (50 से 70%) होती है।
चिकनी मृत्तिका–
इसमें मृत्तिका की मात्रा 30 से 100% तथा बालू और सिल्ट की मात्रा 0 से 50% होती है।
घ) कृषि के दृष्टिकोण से मृदा का वर्गीकरण कीजिए एवं विभिन्न मृदाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर–
- अधिक उपजाऊ
- सामान्य उपजाऊ
- कम उपजाऊ
- अनुपजाऊ
1.सबसे अधिक उपजाऊ-
इस प्रकार की मृदा काली, काली-भूरी या भूरी होती है। उर्वरा शक्ति बहुत अच्छी होती है
2. सामान्य उपजाऊ मृदा-
बलुई, दोमट और सिल्टी दोमट मृदा सामान्य उपजाऊ मृदा के अन्तर्गत आती है। उर्वरा शक्ति सामान्य होती है।
3. कम उपजाऊ मृदा-
बलुई, कंकरीली, रेतीली मिट्टी कम उपजाऊ होती है।
4. अनुपजाऊ-
ऊबड़-खाबड़, ऊसर, बंजर तथा जलमग्न मृदायें अनुपजाऊ होती हैं।
7. मृदा में रंध्रावकाश की जानकारी कैसे प्राप्त करेंगे लिखिए।
क) काली मृदा के गुण-दोष लिखिए।
उत्तर-
काली मृदा के गुण व दोष
1. इस मृदा में लोहा, चूना, कैल्शियम, मैग्नीशियम और मृत्तिका की प्रचुरता होती है।
2. इस मृदा में नत्रजन, फॉस्फोरस और कार्बनिक पदार्थ की न्यूनता पाई जाती है।
3. यह मृदा स्वभाव में चिपचिपी और सुघट्य होती है।
4. इस मृदा में सिकुड़ने और फूलने का गुण पाया जाता है तथा सूखने पर दरारें पड़ जाती हैं।
ख) खादर या कछारीय मृदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ये नवीन जलोढ़ मृदाएँ हैं। ये हल्के भूरे रंग की छिद्रयुक्त महीन कणों वाली होती हैं। पोटाश, चूना और मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
ग) तराई मृदा के गुण-दोष लिखिए।
उत्तर-
इनमें कंकड़, पत्थर तथा बालू की अधिकता होती है। मृदाएँ उथली और इनकी जल धारण क्षमता कम होती है। गन्ना, धान, इन मृदा क्षेत्रों की प्रमुख फसलें हैं।
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