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Practice questions Part 4 for class 7 science Chapter 1

पैराग्राफ पढ़ें और निम्न प्रश्नों के उत्तर दें:

पहले लोग घुड़सवारी, शतरंज, चौपाल, ढोलक और कई प्रकार के क्षेत्रीय संगीतों के माध्यम का उपयोग करके मनोरंजन करते थे। परन्तु आजकल मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि मनोरंजन के प्रचलित साधन है। ये सभी आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की देन है।

पहले उद्योग धन्धे बहुत कम थे, किन्तु आज हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में विकसित देशों की बराबरी कर रहा है। स्टील के उत्पादन के लिए जमशेदपुर, राऊरकेला, भिलाई, दुर्गापुर आदि शहरों में कारखाने खुले हैं। इसी क्रम में रिहंद में जलशक्ति से विद्युत बनाने के लिए हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन, ओबरा, अनपरा, पनकी, ऊँचाहार आदि स्थानों पर कोयले से विद्युत बनाने हेतु नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (N.T.P.C) के पावर स्टेशन स्थापित किये गये हैं। इसी प्रकार नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा के उत्पादन के लिए ट्राम्बे, नरोरा, राणासागर, कलपक्कम के एटॉमिक पावर स्टेशन कार्य कर रहे हैं।

इसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में भी पहले पारम्परिक साधनों, जैसे खेत जोतने के लिए हल-बैल एवं सिंचाई के लिए ढेकुली और रहट आदि का प्रयोग किया जाता था। इन साधनों के प्रयोग से पर्याप्त उपजाऊ भूमि उपलब्ध होने पर भी खाद्यान्न का उत्पादन अपेक्षाकृत कम था।

Fasal Katne Ka Krisi Yantra
इसके विपरीत, आज के वैज्ञानिक युग में कृषि के क्षेत्र में अनेक आधुनिक एवं सुविधाजनक यंत्रों का प्रयोग होने लगा है। ये यंत्र हैं- ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, डीजल के पम्प सेट, ट्यूबवेल आदि। अब खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्नत प्रकार के शोधित बीज, यूरिया, सुपर फॉस्फेट जैसे रासायनिक उर्वरकों आदि का प्रयोग किया जा रहा है। अब हम खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो गये हैं। यह सब हरितक्रान्ति के द्वारा सम्भव हुआ है।

आधुनिक (Modern) कृषि उपकरणों, उन्नतशील बीजों, उर्वरकों और पर्याप्त सिंचाई के साधनों द्वारा कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को हरित क्रान्ति कहते हैं।

आजकल आधुनिक तकनीकियों के नित नये प्रयोगों के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में वृद्धि हुई है। जैसे-

  • मत्स्य (मछली) उत्पादन- उन्नत प्रकार के मत्स्य बीज द्वारा
  • सब्जी उत्पादन- उन्नत बीज द्वारा
  • रेशम उत्पादन- वैज्ञानिक विधि द्वारा कीटों को शहतूत के वृक्षों (पेड़ों) पर पालन द्वारा।
  • सुअर पालन- संतुलित आहार एवं सामयिक टीकाकरण द्वारा
  • मुर्गी पालन- संतुलित आहार और सामयिक टीकाकरण द्वारा

उपरोक्त सभी तथ्यों द्वारा यह कह सकते हैं कि-

विज्ञान (science) ने प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी ने विज्ञान का विकास किया है। वास्तव में प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान दोनों एक दूसरे पर आश्रित हैं। प्रौद्योगिकी का विकास विज्ञान के नियम तथा सिद्धान्तों के दैनिक जीवन में उपयोग से होता है। यही कारण है कि प्रौद्य़ोगिकी को व्यवहारिक ज्ञान भी कहते हैं। इसी प्रकार, विज्ञान का जितना अधिक विकास होता है, उतनी ही उत्तम प्रौद्योगिकी विकसित होती है।

कुछ और भी जानें

कृषि के क्षेत्र में विभिन्न क्रान्तियाँ

  1. हरितक्रान्ति- फसल उत्पादन
  2. श्वेत क्रान्ति- दूध का उत्पादन
  3. पीली क्रान्ति- तिलहन उत्पादन
  4. भूरी क्रान्ति- उर्वरक उत्पादन
  5. नीली क्रान्ति - मत्स्य उत्पादन

 डॉ. वर्गीज कुरियन श्वेत क्रान्ति के जनक है।

किसी भी नई प्रौद्योगिकी के उपयोग से मनुष्य की जीवनचर्या तथा कार्य कुशलता में सुधार आता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी एन0सी0ई0आर0टी0 (NCERT) द्वारा प्रस्तुत विज्ञान शिक्षा से सम्बन्धित ज्ञान दर्शन कार्यक्रम टी0वी0 (T.V.) पर दिखाया जाता है। यह दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम है। देश-विदेश के प्रोफेसर तथा शिक्षकों द्वारा टी0वी0 पर कार्यक्रम दिया जाता है जिसे हम टी0वी0 पर देख कर लाभ उठा सकते हैं। अब हमारे देश में इसके माध्यम से शिक्षा दिये जाने पर जोर दिया जा रहा है।

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कृषि उपज में आशातीत वृद्धि को…………….. कहते हैं।

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श्वेत क्रान्ति……………….. से सम्बंधित है।

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कृषि के पारम्परिक साधन है-

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नीली क्रान्ति………. से संबंधित है-

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पहले लोग किसके माध्यम से मनोरंजन करते थे-

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पहले लोग मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि का उपयोग करके मनोरंजन करते थे।

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मोबाइल, कम्प्यूटर, वीडियोगेम आदि मनोरंजन के प्रचलित साधन आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की देन है।

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नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन नहीं किया जा सकता है।

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आज हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में विकसित देशों की बराबरी कर रहा है।

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डॉ. वर्गीज कुरियन श्वेत क्रान्ति के जनक है।

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